विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई हेतु ई-कंटेंट तैयार करने का दिया गया निर्देश, सामग्री जुटाने में जुटे शिक्षक
लखनऊ।
यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी कर सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से यह अनुरोध किया है कि वे अपने यहां के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से कराये व सितंबर के अंत तक देश के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से करानी हैं। हाल ही में यूजीसी द्वारा यह कहा गया है कि आयोग द्वारा निर्धारित समय में हर राज्यों के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को परीक्षा कराना अनिवार्य है। वहीं कई राज्यों के विश्वविद्यालयों ने अपने यहां आगामी सत्र के लिए ऑनलाइन विषय सामग्री तैयार कर रहे है। विश्वविद्यालयों के अध्यापकों को ई-कंटेंट तैयार करने का निर्देश दिया गया है ताकि विद्यार्थी घर बैठे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए शासन ने वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहित करने में जुटा है। शासन के निर्देश पर ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ई-कंटेंट तैयार करना शुरू कर दिया। पाठ्यक्रमवार ई-कंटेंट, वीडियो लेक्चर वेब-पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे ताकि विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध कालेजों के विद्यार्थी इसे डाउनलोड कर अध्ययन जारी रख सकें। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 21 जुलाई हेड-डीन की बैठक बुलाई है।
विश्वविद्यालय में परीक्षा की हो रही तैयारी –
बताते चलें कि शासन के निर्देश पर स्नातक (यू.जी.) के अंतिम खंड व स्नातकोत्तर (पी.जी.) अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालयों ने मंथन शुरू कर दिया है। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने 21 जुलाई को हेड-डीन की बैठक बुलाई है। इसमें परीक्षा कराने की तिथि व प्रोन्नत करने की रूपरेखा तय की जाएगी। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य बताया कि हेड-डीन के प्रस्ताव को परीक्षा समिति में भी रखा जाएगा। दूसरी ओर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद ने कार्य योजना बनाने के लिए छात्रकल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. रामपूजन पांडेय के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति में दर्शन संकाय के अध्यक्ष प्रो. सुधाकर मिश्र व सामाजिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. शैलेश कुमार मिश्र सदस्य बनाए गए हैं। समिति से 21 जुलाई तक कार्ययोजना कुलपति के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।