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शिक्षकों के अभिलेखों की हो रही है जाँच, काशी विद्यापीठ पहुंची जाँच की आंच

लखनऊ।

शिक्षकों के अभिलेखों की जाँच की आंच लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि शासन के निर्देश पर प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच हो रही है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बाद जांच टीम अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यापकों के सभी शैक्षिक अभिलेखों व नियुक्ति पत्र का परीक्षण कर रही है। इस दौरान कई ऐसे भी शिक्षक मिले जिनके पास इंटर व स्नातक का सर्टिफिकेट ही नहीं है। अंकपत्रों के आधार पर ही 20 साल से नौकरी कर रहे हैं। बहरहाल जांच समिति ने इसे गंभीरता से लिया है। समस्त शिक्षकों की हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर से लगायत पीएचडी तक की उपाधियों का संबंधित शैक्षिक संस्थाओं से सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में जांच लंबा चलने की संभावना जताई जा रही है।

यहां पढ़ें – संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री व दिव्यांग सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक शासन के रडार पर

महाविद्यालयों के शिक्षकों के अभिलेखों की भी होंगी जाँच –
बताते चले कि जांच टीम गुरुवार को विद्यापीठ स्थित पंत प्रशासानिक भवन के डा. राधाकृष्णन सभागार में पूरे दिन डटी रही। जांच के लिए शिक्षकों को क्रमवार बुलाया जा रहा है। इस दौरान जांच टीम नियुक्ति की अर्हता, मेरिट सूची का भी मिलान कर रही थी। इसके अलावा मूल शैक्षिक प्रमाणपत्रों का परीक्षण किया जा रहा था। शिक्षकों से पासपोर्ट साइज की फोटो, शैक्षिक योग्यता की छायाप्रति सहित अन्य पत्रावली जमा कराई गई। जांच समिति में एसीएम (द्वितीय) जय प्रकाश, विवि के वित्त अधिकारी राधेश्याम, पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय (पलहीपट्टी) के वरिष्ठ प्रवक्ता अनंतव्रत पांडेय व सुधीर कुमार मानस शामिल हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों की जांच भी इसी टीम ने किया। यही टीम जनपद के राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के अभिलेखों की भी जांच करेगी।

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