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AICTE बना रही विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की रिपोर्ट, इस बात पर रहेगा जोर

नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों और उन्हें आकर्षित करने को लेकर स्थिति रिपोर्ट तैयार कर रहा है। रिपोर्ट में यह ब्योरा होगा कि कितने छात्र विदेशों में पढ़ने जाते हैं, भारत में कहां ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, कोरोना के कारण विदेशों से स्वदेश वापसी करने वाले भारतीय छात्र कैसे सुचारू रूप से पढ़ाई कर सकते हैं, साथ ही बाहर जाने वाले छात्रों को कैसे आकर्षित किया जा सकता है।

एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि रिपोर्ट में ‘भारत में रहें, भारत में पढ़ें’ पर ध्यान दिया जायेगा। यह रिपोर्ट 7-8 दिन में तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस इसके लिए कुलपतियों एवं संस्थानों के निदेशकों आदि से विमर्श किया जाएगा, ताकि कुछ अच्छे सुझाव मिल सकें। इस कड़ी में शनिवार को तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत शुरू भी हो गई है।
‘स्टडी इन इंडिया’ के लिए बनाई कमेटी ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए विदेशी छात्रों के साथ-साथ विदेश में पढ़ाई कर रह रहे या इसकी योजना बना रहे भारतीय छात्रों को भी जोड़ा जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ‘स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ का नारा दिया है।

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। तकनीकी संस्थानों के फैसले एआईसीटीई चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे करेंगे। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर गाइडलाइन बनेगी।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कमेटी छात्रों को भारत में रोकने को लेकर एक गाइडलाइन तैयार करेगी। नंबर वन यूनिवर्सिटी में छात्रों की संख्या बढ़ाने, मल्टी डिसिप्लिनरी और इनोवेटिव प्रोग्राम शुरू करने की भी योजना है।

एचआरडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि हमें इस बात को जानने की जरूरत है कि आखिर छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए क्यों जाते हैं। भारत में विदेश जैसी गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के रास्ते तलाशने होंगे।

इन पर रहेगा फोकस
ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम, क्रॉस कंट्री डिजाइनिंग सेंटर, विदेश के मशहूर शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन लेक्चर, अकादमिक और व्यापार जगत को लिंक करना, ज्वाइंट डिग्री वेंचर, भारतीय उच्च संस्थानों में लैटरल एंट्री देने पर बात होगी।

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