सीसीएसयू मे बीएड छात्र भी नेट या पीएचडी करने के 2 वर्ष के अंदर दे सकेंगे श्रेणी सुधार की परीक्षा
लखनऊ :
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में अब बीएड के छात्र भी नेट या पीएचडी करने के दो वर्ष के अंदर श्रेणी सुधार (डिविजन इंप्रूवमेंट) की परीक्षा दे सकेंगे। इससे पहले कम अंक आने पर स्नातक एवं परास्नातक के छात्रों सभी कोर्सस में डिविजन इंप्रूवमेंट की अनुमति थी, लेकिन बीएड इसमें शामिल नहीं था। कुलपति प्रो.एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति की आपात बैठक निर्णय लिया गया। इसके अनुसार विवि के इस फैसले से द्वितीय या तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण बीएड छात्र प्रथम श्रेणी के लिए फिर परीक्षा दे सकेंगे। हालांकि, यह सुविधा नेट या पीएचडी करने के बाद अधिकतम दो वर्ष के अंदर ही मिलेगी।
जल्द जारी होगा बीएड रिजल्ट –
चौ.चरण सिंह विवि दिसंबर के पहले सप्ताह मे बीएड का रिजल्ट जारी कर देगा। बीएड फाइनल ईयर में नए और पुराने पेपर कोड से परीक्षा के मुद्दे का समाधान कर दिया है। बता दें कि परीक्षा में जिन छात्रों को 80 नंबर के पुराने पेपर कोड में शामिल होना था वे 40 नंबर के नए पेपर में शामिल हो गए। इसी तरह नए वाले पेपर की जगह छात्रों ने पुराने में परीक्षा दे दी। पेपर कोड 401 में हुई इस गलती से रिजल्ट रुका हुआ था जबकि सीसीएसयू विवि प्रैक्टिकल एवं मूल्यांकन करा चुका है।
सीसीएसयू कुलपति ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर तत्काल आपात परीक्षा समिति की बैठक बुलाई। निर्णय के अनुसार जिन छात्रों को 80 नंबर का पेपर देना था और उन्होंने 40 का दिया है तो उन्हें मूल्यांकन में मिले नंबर उसी अनुपात में दुगुने कर दिए जाएंगे। इसी तरह जिन्होंने 40 नंबर की जगह 80 अंक का पेपर दिया उनके इसी अनुपात में प्राप्ताकों को आधा कर दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ.अश्विनी कुमार के अनुसार रिजल्ट तैयार है और जल्द जारी हो जाएगा।
एक्स छात्रों के पेपर कोड के 701 के पुराने नंबर मान्य –
प्रैक्टिकल में पेपर कोड 701 में पहले शामिल हो चुके और अब फिर से इसी पेपर में शामिल छात्रों के अंक नहीं बदले जाएंगे। जो छात्र पहले इस पेपर कोड के प्रैक्टिकल में शामिल हो चुके हैं उनके पुराने नंबर ही मान्य होंगे। इनमें से अधिकांश एक्स छात्र हैं। छात्रों ने परीक्षकों को पहले ही इस कोड का प्रैक्टिकल देने के सुबूत दिए थे, लेकिन उन्होंने नहीं माना।
परीक्षकों के नाम दें, नहीं तो पुराने परीक्षक भेजे जाएंगे –
विवि ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर में प्रैक्टिकल के लिए तत्काल परीक्षकों के नाम देने के निर्देश दिए हैं। यदि बीओएस परीक्षकों का नाम नहीं देती तो विवि बीते वर्ष के परीक्षकों को ही प्रैक्टिकल में भेजेगा। विवि के अनुसार प्रैक्टिकल में कोई देरी नहीं होने दी जाएगी। इससे जुड़ी अधिक अपडेट्स के लिये छात्र विवि की आधिकारिक वेबसाइट चेक कर सकते है।
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सीएसआईआर तथा विज्ञान भारती हैं IISF 2020 के संयुक्त आयोजक, घोषणा समारोह 3 दिसंबर को
पिलानी :
देशभर में 22 से 25 दिसंबर तक वर्चुअल रूप में आयोजित किए जा रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF 2020) के दौरान इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, पिलानी तथा विज्ञान भारती-राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 23 तथा 24 दिसंबर 2020 को आयोजित किया जाएगा।
ईवेन्ट का नियंत्रण कक्ष संस्थान के जयपुर केंद्र को –
आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने बताया कि आईआईएसएफ के छठे संस्करण की मेजबानी का दायित्व सीएसआईआर को सौंपा गया है और इस महोत्सव के दौरान सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं में कुल 41 इवेंट आयोजित किए जाएंगे।