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विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कोरोना संकट में बांटे भोजन के चार लाख पैकेट, कोविड सेनानियों ने दिखाया जलवा

कोविड-19 के दौरान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए 54 दिनों तक लगातार जरूरतमंद लोगों तक भोजन वितरण का कार्य विश्वविद्यालय के कुलपति के मार्गदर्शन में पूरा किया। इस दौरान विश्वविद्यालय ने शुरूआत में दो लाख भोजन वितरण का लक्ष्य रखा था, जो बाद में चार लाख तक पहुंच गया।

इस दौरान विश्वविद्यालय ने एवसीएसयू एवं कॉविड़ संघर्ष सेनानी नाम से टीम का गठन किया जिन्होंने रात-दिन गुरूग्राम, पलवल, फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में भोजन पहुंचाने का कार्य किया, जिसमें लगभग 54 दिनों में 187 व्यक्तियों ने विभिन्न कार्यो में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। चार लाख भोजन वितरण में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, संगठनों, उद्योगों, प्रशासन एवं विभिन्न संगठनों से मिले अपार सहयोग के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कॉविड सेनानियों के लिये धन्यवाद एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जिसमें विशेष आमंत्रित के तौर पर गुरूग्राम के उपायुक्त आइएएस श्री अमित खत्री को आमंत्रित किया गया।

सम्मान समारोह के शुरूआत में प्रो. ज्योति राणा ने ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित सभी का धन्यवाद किया एवं सभी सेनानियों को उनके नाम के साथ उनको प्रोत्साहित किया जिसमें ग्राउंड वॉलंटियर्स के तौर पर अकाउंट ऑफिसर श्री प्रवीण सैनी, डॉ. मोहित श्रीवास्तव, प्रदीप, शमशेर, अनुप, विजेन्द्र ठाकुर, रूहेल मिलाह, शेख रूबियाल, मजबुत, रेनु बाला, कविता ठाकुर आदि ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कि वहीं कीचन वॉलंटियर्स के तौर पर विनोद वर्मा, कर्नल ललित कपूर, कर्नल मनमोहन भाटिया ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया एवं श्री रमेश कुमार एवं श्री मनोज अग्रवाल बिकानेरवाला, आईआईएलएम की कुलपति डॉ. सुजाता साही, कॉन्सेंट्रिक्स से श्री रविन्द्र राणा, एसकेएच मेटल्स लिमिटेड़ से श्री प्रवेश सोनी, रूप ऑटो से श्री मोहित ओश्वाल एवं श्री गौरव जैन, अलकोबरिव ग्रप से श्री रोमेश पंडिता, सत्यामाइक्रॉकैप्टिल लिमिटेड से श्री विकेक तिवारी, श्री पंकज धर, एडवोकेट श्री राजन पाहवा, श्री भरत अरोड़ा, श्री सुंदर सरपंच दूधौला, विजय आयमा, कुनाल मिन्ढ़ा, नरेश रैना ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस दौरान सभी ने अपने-अपने अनुभव सांझे किये आईआईएलएम की कुलपति श्री सुजाता साही ने कहा कि श्री राज नेहरू ने इस घड़ी में सबको साथ जोड़कर एक उदाहरण सेट किया है कि सब मिलकर काम करें तो कोई भी कार्य बड़ा नहीं है।
गुरूग्राम के उपायुक्त श्री अमित खत्री ने कहा कि मानव की सेवा संसार में सबसे बड़ा धर्म है।

इस संकट की घड़ी में श्री विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने जिस मेहनत एवं बहादुरी के साथ संघर्ष सेनानी सेवा की मदद से 4 लाख लोगों तक प्रतिदिन भोजन पहुंचाया एवं समय-समय पर प्रशासन का सहयोग किया यह काबिले तारिफ है। श्री अमित खत्री ने कहा कि इसके अलावा भी विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से प्रशासन को समय-समय पर मास्क, मेडिकल एसेसरिज, गलब्ज, ड्राई राशन मिलता रहा इसके लिए भी प्रशासन आपका आभार व्यकत करता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि प्रशासन का आभार जिन्होंने चौबिसों पहर हर प्रकार से हमारी मदद की। लगभग 187 व्यक्तियों ने विभिन्न प्रकार की सेवाओं में योगदान दिया है, विद्यार्थी भी इस सेवा में हमारे साथ जुड़े हम सबका आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा समय भी आया कि भोजन वितरण के बाद स्टाफ अपने घर जाता था तो वह कई बार अपने परिवार से नहीं मिल पाता था ताकि संक्रमण से बचा जा सके। हर संघर्ष सेनानी ने बेहतर कार्य एवं मेहनत की है। श्री राज नेहरू ने कहा कि जीवन का असली आनंद कमाना नहीं है, दूसरों की सहायता से जो आनंद प्राप्त होता है उससे बेहतर अनुभूति किसी में नहीं मिल सकती। उन्हांने कहा कि आगे आने वाला समय भी बेहतर होगा, सब मिलकर कार्य करेंगें तो हर प्रकार की बाधा को दूर कर लेगें, जिस प्रकार दो लाख भोजन का मिशन कब चार लाख भोजन में बदल कर पूर्ण हो गया पता भी नहीं चला। उन्होंने सभी को इस मिशन में जुड़ने के लिये आभार व्यक्त किया।

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