UGC ने विश्वविद्यालयों को दिया सुझाव- तीन की जगह दो घंटे की हो परीक्षा, स्काइप से लिया जाए प्रैक्टिकल एग्जाम
नई दिल्ली. यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को कई सुझाव दिए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कहना है कि विश्वविद्यालयों को परीक्षाओं का समय तीन घंटे की जगह दो घंटे करना चाहिए। अगर कोविड-19 की वजह से विश्वविद्यालयों को परीक्षा कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो विद्यार्थियों को पिछले सेमेस्टर में आंतरिक मूल्यांकन और प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देना चाहिए। यूजीसी का कहना है कि टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों के लिए परीक्षा जुलाई के महीने में आयोजित की जाएगी। प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक कोविड-19 सेल का गठन किया जाएगा। इसे अकादमिक कैलेंडर और परीक्षाओं से संबंधित छात्रों के मुद्दों को हल करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं को स्काइप और दूसरे मीटिंग एप्स के जरिए कराया जा सकता है। यूजीसी ने अकादमिक सत्र 2020-21 पुराने छात्रों के लिए 01.8.2020 से और नए छात्रों के लिए 01.09.2020 शुरू करने का सुझाव दिया है। यूजीसी का कहना है कि अगर विश्वविद्यालों को परीक्षा कराने में परेशानी हो रही है तो विद्यार्थियों को 50 फीसदी नंबर आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जा सकते हैं। बचे हुए 50 फीसदी नंबर पिछले सेमेस्टर में विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर दिए जा सकते हैं। यूजीसी समिति ने विश्वविद्यालयों को प्रैक्टिकल परीक्षाएं ऑनलाइन कराने का भी सुझाव दिया है।