Indian News

यूजीसी की फटकार, कोई विश्वविद्यालय परीक्षाओं से नहीं कर सकते इंकार

नई दिल्ली।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइन में अंतिम वर्ष की परीक्षा सितम्बर अंत तक का समय दिया गया है। वहीं इस फैसले पर कई राज्यों ने स्वयं से फैसले लेकर परीक्षा रद्द करने की घोषणा करते हुए विद्यार्थियों को प्रमोट करने की घोषणा की कर दी थी, तथा कई शिक्षक संगठनों ने भी यूजीसी के इस आदेश के सख्त खिलाफ थे, विद्यार्थी सोशल मीडिया पर इस पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर रहे थे, अब जब कई राज्यों ने अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के एग्जाम रद्द करने का निर्णय लिया है तब यूजीसी ने इस पर आपने पक्ष रखते हुए कड़े शब्दों में कहा है कि सभी विश्वविद्यालय गाइडलाइन के दायरे में आते हैं। चाहे व केंद्रीय हों या राज्यों के विश्वविद्यालय। कोई भी इसे मानने से इंकार नहीं कर सकता है।’बताते चलें कि विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने को लेकर छात्रों की ओर से लगातार सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जा रहे है और कुछ राज्यों के रुख के बाद यूजीसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ राज्यों के परीक्षा न कराए जाने की एकतरफा घोषणा के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सख्त लहजे में अपनी बात कही है।

छात्रों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क –
वहीं यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा कि उन्हें भी कई राज्यों की ओर से परीक्षाएं न कराने के फैसले की जानकारी मिली है, जल्द ही वह इस संबंध में संबंधित राज्यों और विश्वविद्यालयों से चर्चा करेंगे। साथ ही उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक बात कोरोना संक्रमण के खतरे की है तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी दोनों ही छात्रों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। यही वजह है कि जुलाई में प्रस्तावित परीक्षाओं को कराने के फैसले को टाल कर अब सितंबर अंत तक का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर तैयार है। उन्होंने तैयारी भी कर ली है। स्थानीय स्थितियों का आकलन करने के बाद वह जल्द ही परीक्षाओं को लेकर फैसला ले सकेंगे।

यहां पढ़ें – यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर विस्तृत एसओपी की जारी

यूजीसी ने 06 जुलाई को जारी अपनी संशोधित गाइड लाइन में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को जरूरी बताया। साथ ही इन्हें कराने के लिए विश्वविद्यालयों को सितंबर अंत तक का समय दिया है। बता दें कि यूजीसी देश में विश्वविद्यालयों की सबसे बड़ी नियामक संस्था है।

गृह मंत्रालय ने दी थी अनुमति –
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर जारी गई अपनी संशोधित गाइडलाइन गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद जारी की थी। इसके तहत अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अहम बताया गया था। साथ ही विश्वविद्यालयों को इसके लिए 30 सितंबर तक समय दिया था। इसके अलावा यह भी कहा था कि यदि किसी छात्र की परीक्षाएं इस दौरान छूट जाती है, तो उचित कारणों के आधार पर उन्हें चालू सत्र के बीच में ही फिर से परीक्षा का एक मौका दिया जाए। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यूजीसी विश्वविद्यालयों की पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को पहले ही रद्द चुकी है। इसके तहत इन सभी छात्रों को अब आंतरिक आकलन के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। जबकि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को 01 से 15 जुलाई के बीच कराने को कहा था।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button