CBSE के रिजल्ट से नाखुश स्कूलों और छात्रों ने बोर्ड ऑफिस का किया घेराव, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स में दिखा गुस्सा
CBSE के स्कूल और छात्र रिजल्ट से नाखुश हैं. प्राइवेट स्कूल्स और स्टूडेंट्स ने बुधवार को दिल्ली के प्रीत विहार स्थित CBSE हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया और सीबीएसई से रिजल्ट की जिम्मेदारी लेने की मांग की.
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 12वीं के रिजल्ट से नाखुश प्राइवेट स्कूल्स और स्टूडेंट्स ने बुधवार को दिल्ली के प्रीत विहार स्थित सीबीएसई हेडक्वार्टर पर जोरदार प्रदर्शन किया। नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायन्स (NISA) के अंतर्गत हुए इस प्रदर्शन में कुछ स्टूडेंट्स ने अपने फ्यूचर और करियर को लेकर सांकेतिक तौर पर फांसी भी लगाई। NISA ने मांग की हैं कि मूल्यांकन प्रणाली के तहत निकाले गए इस रिजल्ट की जिम्मेदारी सीबीएसई खुद ले ताकि कल को स्टूडेंट्स स्कूल्स को ना कोसें। इस प्रदर्शन में दिल्ली के 150 से अधिक स्कूल संचालकों और तमाम स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
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NISA के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने धरना-प्रदर्शन के बाद कहा कि सीबीएसई के 12वीं क्लास के रिजल्ट को तैयार करने के लिए बनाए गए टेबुलेशन फॉर्मूेले को लेकर टीचर्स से लेकर स्टूडेंट्स और पेरेंट्स तक सभी में काफी गुस्सा है। इस रिजल्ट के चलते स्कूल प्रशासन और स्कूल संचालकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स फ्यूचर और करियर को लेकर सवाल कर रहे हैं, इसलिए NISA ने सीबीएसई से मांग की है कि वो अपने बोर्ड रिजल्ट की पूरी जिम्मेदारी खुद लें। इस मांग को लेकर तमाम स्कूल संचालकों और स्टूडेंट्स ने बुधवार को प्रीत विहार स्थित सीबीएसई हेडक्वार्टर पर सांकेतिक धरना देकर प्रदर्शन किया। कई स्टूडेंट्स का कहना है कि सीबीएसई के जरिए निकाले गए इस रिजल्ट ने उनका फ्यूचर और करियर, दोनों बर्बाद कर दिया है। इसके चलते अब ना स्कूल चलेंगे और ना स्टूडेंट्स बचेंगे, इसलिए सीबीएसई को अपने इस रिजल्ट की पूरी जिम्मेदारी खुद लेनी होगी।
NISA अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के मुताबिक सीबीएसई के टेबुलेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों का बच्चों को नंबर देने का दायरा सीमित हो गया और स्टेट बोर्ड में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं रहा, जिसके तहत बच्चों के स्टेट बोर्ड में नंबर ज्यादा है और सीबीएससी में एग्जाम देने वाले मध्यम और निम्न दर्जे के बच्चों के नंबर कम रह गए जो कि इन बच्चों और उनके पेरेंट्स के साथ घोर नाइंसाफी है। NISA ने शिक्षकों की सुरक्षा के लिए भी आवाज उठाई। साथ ही सीबीएसई गवर्निंग बॉडी में पोइरे देश से प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधित्व की मांग भी की। उन्होंने कहा कि सीबीएसई को अपनी टेबुलेशन पॉलिसी की जिम्मेदारी खुद उठानी चाहिए ताकि स्कूलों, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को कोई परेशानी न हो।