केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने महिला सशक्तिकरण विषय पर लॉन्च किया लीलावती अवार्ड 2020
नई दिल्ली :
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक ने 17 नवम्बर को भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) का ‘लीलावती अवार्ड 2020’ लॉन्च किया। लीलावती अवार्ड 2020 का विषय महिला सशक्तिकरण था। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन 17 नवम्बर की शाम को वर्चुअल माध्यम से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय भारतीय महिलाओं के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण करना था।
लीलावती अवार्ड 2020 संस्थागत और टीम स्तर पर दिया गया –
बता दें कि समारोह का संबोधन केंद्रीय शिक्षा मंत्री सहित उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे और एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे ने किया। एआईसीटीई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लीलावती अवार्ड 2020 संस्थागत और टीम स्तर पर दिया गया। हर टीम में कम से कम दो महिला सदस्य रही। प्रत्येक उप विषय के तहत तीन पुरस्कार दिए गए। इस प्रकार से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम कर रही विभिन्न टीमों को कुल 18 पुरस्कार प्रदान किए गए है।
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महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान –
एआईसीटीई लीलावती अवार्ड 2020 के तहत सभी योग्य टीमों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और जिनके कार्यों ने समाज और महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाने में सहयोग किया है।
अपने कार्यों और उपलब्धियों को सामने लाने का अवसर –
लीलावती अवार्ड 2020 का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में महिलाओं के साथ समानता और निष्पक्षता का व्यवहार करने के संबंध में किए गए कार्यों की पहचान करना है। इस पहल के द्वारा एआईसीटीई के सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों में सभी हितधारकों को समाज में मौजूद लैंगिक भेदभाव से संबंधित मुद्दों जैसे- निरक्षरता, बेरोजगारी, आर्थिक और पोषण संबंधी असमानताओं, मातृ मृत्यु-दर और मानवाधिकार से संबंधित समाधान पेश करने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं, यदि किसी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर प्रयास किया है तो उसे अपने कार्यों और उपलब्धियों को सामने लाने का अवसर दिया गया है।
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यूजीसी की गाइडलाइंस के बाद आज खुला पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंपस
नई दिल्ली :
यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइंस के बाद कोरोना महामारी के चलते मार्च से लॉकडाउन के बाद आज 18 नवंबर, 2020 से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का परिसर चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करते हुए फिर से खोला गया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 5 नवंबर को जारी ‘यूजीसी दिशानिर्देशों’ को ध्यान में रखते हुए ‘घुद्दा’ स्थित सीयूपीबी मुख्य परिसर को संकाय और छात्रों के लिए फिर से खोलने के लिए यह निर्णय लिया है।
कोविड-19 निवारक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन –
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सीयूपीबी के संकाय कोविड-19 निवारक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए 18 नवंबर से घुद्दा स्थित सीयूपीबी मुख्य कैंपस में नियमित रूप से आएंगे। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से खुलेगा।
इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से करना होगा पालन –
– बता दें कि पहले चरण में पीएचडी के सभी विभागों के रिसर्च स्कालर्स को अपना शोध कार्य जारी रखने के लिए 18 नवंबर से कोविड-19 निवारक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस लौटने की अनुमति मिली है।
– तो वहीं दूसरे चरण में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों के तीसरे सेमेस्टर के छात्रों को एक दिसंबर, 2020 से 15 जनवरी 2021 तक कैंपस आने की अनुमति दी जाएगी।
– तीसरे चरण में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों के पहले सेमेस्टर के छात्रों को 1 फरवरी से 15 मार्च तक कैंपस में आने की अनुमति दी जाएगी। इस अवधि के दौरान, व्यावहारिक कक्षाओं और विद्यार्थियों को उनके कार्यक्रमों में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने पर जोर दिया जाएगा।