म.प्र. में होंगी परीक्षाएं, कुलपतियों की सहमति के बाद जल्द जारी होंगे टाइम टेबल
भोपाल।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने बताया कि मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परीक्षा कराया जायेगा। परीक्षा कराने की यूजीसी की नई गाइडलाइन को लेकर हुई गलतफहमी दूर हो गई है। अब मध्य प्रदेश में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा, ‘प्रदेश का कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान यूजीसी से बाहर नहीं है। यूजीसी ने सितंबर में परीक्षा कराने के लिए कहा है तो परीक्षाएं ली जाएंगी। पहले हमने तय किया था कि 29 जून से 31 जुलाई के बीच परीक्षाएं कराएंगे। कई यूनिवर्सिटी में 20 से 30 फीसदी और इंदौर की अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी में 50 फीसदी परीक्षाएं हो चुकी हैं। मैंने प्रदेश की सभी 8 यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से फोन पर बात की है, उन्हें यूजीसी की गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा की तैयारियों के लिए कहा गया है। और जल्द विवेचना करके रिपोर्ट देने को कहा है।
प्रमुख सचिव ने कहा : विद्यार्थियों को पर्याप्त समय मिले –
परीक्षा ली जाएंगी और इसमें मुददा ये है कि विद्यार्थियों को पूरा समय मिले। इसलिए यूजीसी ने सितंबर में परीक्षाएं कराने के लिए कहा है। हमने कुलपतियों से बात कर ली है, जल्द ही परीक्षा की तारीखें और टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा।”
पहली गाइडलाइन 29 अप्रैल को जारी हुई थी –
प्रमुख सचिव ने बताया कि कोरोना को देखते हुए यूजीसी ने पहली गाइडलाइन 29 अप्रैल को जारी की थी। इसमें कहा गया कि जून-जुलाई में परीक्षाएं कराई जाएं। इस बीच उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र ने कहा कि वह उच्च शिक्षा की परीक्षाएं नहीं कराएंगे। जनरल प्रमोशन दिया जाएगा। उन्होंने इसका आदेश भी जारी कर दिया था। हमारे यहां भी जनरल प्रमोशन का ऐलान हुआ था और इसका आदेश भी जारी करने जा रहे थे, लेकिन अब यूजीसी की गाइडलाइन आ गई है।
यूजीसी का आदेश : सितंबर में फाइनल ईयर के एग्जाम कराएं –
यूजीसी ने सितंबर में फाइनल ईयर के एग्जाम कराने का आदेश जारी किया है। इसके लिए ऑफलाइन-ऑनलाइन या दोनों में से किसी एक फॉर्मेट को चुनना है। 6 जुलाई को जारी की गई एडवाइजरी में यूजीसी ने आदेश दिए हैं कि सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को सितंबर के महीने में फाइनल ईयर के एग्जाम कराने होंगे। लेकिन परीक्षा सितंबर में ही करायी जाएं। यूजीसी ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि छात्रों के आत्मविश्वास, आत्म संतुष्टि और बेहतर भविष्य के लिए परीक्षाएं आयोजित कराना जरूरी है। परीक्षा की तैयारियों के साथ आवश्यक गतिविधियों की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा गया है।