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]]>इस पुरस्कार के अंतर्गत डॉ नीरज को 1 लाख रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। डॉ नीरज सहित आईएनएई युवा इंजीनियर पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विजेता आईएनएई यंग एसोसिएट्स बन जाएंगे और 45 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक “आईएनएई यंग एसोसिएट्स” बने रहेंगे।
इस पुरस्कार का उद्देश्य इंजीनियरिंग की किसी भी शाखा में भविष्य के पेशेवर विकास के लिए मजबूत संभावनाओं वाले युवा इंजीनियरों द्वारा की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों एवं योगदान को मान्यता देना है। यह पुरस्कार उन्हें 15-17 दिसंबर, 2021 को प्रस्तावित आईएनएई वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रदान किया जाएगा ।
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इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (INAE) की स्थापना वर्ष 1987 में हुई । इसमें भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियर, इंजीनियर-वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद शामिल हैं, जो इंजीनियरिंग विषयों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हैं। आईएनएई एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्यरत प्रतिष्ठित संस्था है जो राष्ट्रीय महत्व की समस्याओं के समाधान के लिए इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और संबंधित विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करती है।
डॉ. पीसी पंचरिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी और सभी स्टाफ सदस्यों ने डॉ नीरज कुमार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि डॉ नीरज को वर्ष 2018 में सीएसआईआर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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]]>The post सीएसआईआर-सीरी में संपन्न हुआ ‘शिल्प’ कार्यक्रम के प्रथम बैच का प्रशिक्षण, प्रतिभागियों को वितरित किए गए प्रमाणपत्र appeared first on Global E-Campus.
]]>भारत सरकार के कौशल विकास अभियान से कदम मिलाते हुए सीएसआईआर की कौशल विकास पहल के अंतर्गत आरंभ किया गया यह महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम देश में सेमिकंडक्टर उद्योग जगत के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के दूरदर्शी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आरंभ किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षार्थियों को डायोड फैब्रिकेशन, वेफर क्लीनिंग, फोटो मास्क मेकिंग, लिथोग्राफी, ऑक्साइड एचिंग, डिफ्यूज़न प्रोसेस, थर्मल ऑक्सीडेशन, पैकेजिंग टेक्नोलॉजी आदि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी एवं इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
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सीएसआईआर-सीरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने कहा कि देश में सेमिकंडक्टर के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना शेष है और दक्ष एवं कुशल जनशक्ति की बहुत आवश्यकता है। देश के कॉलेजों में सेमिकंडक्टर प्रशिक्षण संबंधी सीमाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीरी में न केवल उच्चस्तरीय शोध एवं प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध है अपितु प्रशिक्षण हेतु कुशल वैज्ञानिक तथा तकनीकी जनशक्ति भी है। हमें आशा है कि आप सभी यहाँ प्राप्त प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए होंगे और यहाँ के अनुभव अपने-अपने कॉलेजों में अवश्य साझा करेंगे। डॉ पंचारिया ने सभी छात्राओं को सेमिकंडक्टर इंजीनियरिंग में सीरी में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने प्रशिक्षण से जुड़े सभी वैज्ञानिकों एवं तकनीकी सहकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे साथियों ने न केवल इस चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया अपितु प्रशिक्षण की संकल्पना को मूर्तरूप दिया।
इस अवसर पर वरिष्ठतम मुख्य वैज्ञानिक डॉ पी के खन्ना, कार्यक्रम के समन्वयक एवं कौशल विकास कार्यकम के प्रमुख डॉ अभिजीत कर्माकर तथा पीएमई प्रमुख डॉ सुचंदन पाल ने भी सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी। छात्राओं ने भी प्रशिक्षण के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम और प्रशिक्षकों के प्रति आभार जताया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ विजय चटर्जी, वैज्ञानिक ने डॉ पंचारिया सहित सभी अधिकारियों एवं उपस्थित प्रशिक्षार्थियों एवं अन्य सहकर्मियों का स्वागत किया। अंत में उन्होंने सभी के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
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