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इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में भविष्य उज्जवल, नौकरी की संभावनाएं ज्यादा

नई दिल्ली।

देश के जो युवा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से जुड़ रहे है या जुडऩा चाहते है, उनका इस फील्ड मे भविष्य बहुत ही उज्जवल नज़र आ रहा है। जिस तरह से केंद्र सरकार द्वारा ऊर्जा को प्रमोट किया जा रहा है उसे देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों की अपार संभावना है।

ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम –
जीसीईटी प्रिंसिपल, जम्मू के डॉ. सुमेरु शर्मा यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी द्वारा आयोजित ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े। इस दौरान उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से स्टूडेंट्स को जानकारी दी। एफडीपी कार्यक्रम का आयोजन यूआइईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से हुआ।

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कुशल प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की है आवश्यकता –
डॉ. सुमेरु शर्मा ने भारत में ऊर्जा परिदृश्य के बारे में बात की और ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वहीं संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लोंगोवाल के प्रोफेसर अजात शत्रु अरोड़ा ने अपने मुख्य भाषण में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उभर रहे संभावित क्षेत्रों के बारे में चर्चा की। उन्होंने स्मार्ट ग्रिड, पॉवर सिस्टम ऑपरेशन में अक्षय ऊर्जा के प्रभाव, पावर सिस्टम में अनुप्रयोगों के बारे में बात करते हुए कुशल प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता के बारे मे भी चर्चा की।

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